व्यक्तित्व विकास के लिए शास्त्रों में कई नुस्खे बताए गए हैं
त्वचा की रंगत निखारने और चेहरे पर कांति लाने के लिए
हल्दी, चंदन, जरा सी केसर और गुनगुनी मलाई का लेप,
जो फेशियल क्रीम के विज्ञापन में आने से पहले
वहीं कहीं देखा गया था
वाणी में घनगरज जैसा ओज पैदा करने के लिए
सोंठ, मुलेठी और पुदीने के सत्त से गरारा करने की बात भी वहीं है
हालांकि अनुभव बताता है कि ओहदा ऊंचा हो
और खाते में पैसे भरपूर हों
तो पछत्तर पर्सेंट तक यह वैसे भी आ जाता है
सबसे बढ़कर सूर्य नमस्कार,
जिसे हर सुबह तड़के नियमित किया जाए तो
कुछ समय गुजर जाने के बाद आप
दुनिया को उतनी ही ऊंचाई से देखने लगेंगे
जैसे बाबा रामदेव टीवी के आसन पर बैठकर
अपने भक्तजनों को देखा करते हैं
लेकिन ऐसे पके-पकाए शास्त्रीय नुस्खों से बढ़कर
एक नया नुस्खा भी इधर ईजाद हुआ है
जिसकी पुष्टि एक नहीं, दो-दो चुनावी नतीजों से हो चुकी है,
और जिसका उल्लेख अभी लिखे जाने वाले शास्त्रों में
अगली कई पीढ़ियों के लिए मौजूद रहेगा
हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाती औरतों,
फेफड़ा फटने की हद तक भगाकर ढहाए गए मर्दों
और खुली चौखट पर मुंह खोले एकटक ताकते
अकेले रह गए बच्चों का ताजा गर्म खून
जिसमें सिर्फ एक बार जी भर कर नहा लेने के बाद आप-
संबंधियों की मुग्ध चितवन, समर्थकों के तुमुल जयघोष
विरोधियों के शुभकामना संदेश और एक पांत में सिर झुकाए खड़े
विदेशी राष्ट्राध्यक्षों की लगातार बजती तालियों के बीच
भारतवर्ष के शुभ्र, शांत, निर्विकल्प प्रधानमंत्रित्व का वरण करेंगे
3 comments:
बैचैन समय की बैचैन करती कविता ..
ek aur chandu bhai
ki behad nirlajja ho kar
56 inch ki chhaatee
dikhana bhi isme shamil kar leejiye.
sunder bhaav, shreshth kavita, badhai
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