अच्छा है कोई अकेडमिक काम
अपने जिम्मे कभी आया नहीं
वरना जब भी तुमसे पूछता कि
तुम क्या हो, कितने पानी में हो
यही सवाल थोड़ी देर बाद मुझे
खुद से भी करना पड़ जाता
दूर-दूर तक कुछ भी तो नहीं
जिससे पता चल सके कि मैं हूं क्या
काम के ओहदे से खुद को जोड़ूं?
दस दरवाजे घूमकर मिली नौकरी से
जो अपनी रसोई की जरूरत से मुझे
कभी गोभी तो कभी आलू बनाती है?
अपने जिम्मे कभी आया नहीं
वरना जब भी तुमसे पूछता कि
तुम क्या हो, कितने पानी में हो
यही सवाल थोड़ी देर बाद मुझे
खुद से भी करना पड़ जाता
दूर-दूर तक कुछ भी तो नहीं
जिससे पता चल सके कि मैं हूं क्या
काम के ओहदे से खुद को जोड़ूं?
दस दरवाजे घूमकर मिली नौकरी से
जो अपनी रसोई की जरूरत से मुझे
कभी गोभी तो कभी आलू बनाती है?
यूनिवर्सिटी से जोड़ूं, पूरब के ऑक्सफर्ड से?
जो अभी किस-किस खानदानी कमीने से
अपनी इज्जत-आबरू का टांका जोड़कर
अपना सालाना बजट निकाल पाती है?
या आंदोलन से जोड़ूं जो पलट कर पूछता है
कि बस अपनी घात पे जुड़ना आता है बच्चू?
जो अभी किस-किस खानदानी कमीने से
अपनी इज्जत-आबरू का टांका जोड़कर
अपना सालाना बजट निकाल पाती है?
या आंदोलन से जोड़ूं जो पलट कर पूछता है
कि बस अपनी घात पे जुड़ना आता है बच्चू?
कुल-खानदान से जोड़कर देखूं?
जहां हमेशा अतीत ही गाया जाता है
वह भी ऐसा कि पक्का कुछ भी नहीं?
या थक-हारकर अपनी ही लिखी चीजों से?
जिन्हें पढ़ने वाले इस शर्त पर मिलते हैं कि
कुछ उनका भी हाथोंहाथ पढ़कर दिखाऊं?
जहां हमेशा अतीत ही गाया जाता है
वह भी ऐसा कि पक्का कुछ भी नहीं?
या थक-हारकर अपनी ही लिखी चीजों से?
जिन्हें पढ़ने वाले इस शर्त पर मिलते हैं कि
कुछ उनका भी हाथोंहाथ पढ़कर दिखाऊं?
बचती है बस यही जैविक पहचान
सूरज के इर्द-गिर्द पृथ्वी ग्रह के
कोई साढ़े चार अरबवें फेरे में जन्मा
चश्माधारी एक अधेड़ आदमजात
जो इसके दस-बीस और चक्करों बाद
अकथ अनजान सफर में पाया जाएगा
सूरज के इर्द-गिर्द पृथ्वी ग्रह के
कोई साढ़े चार अरबवें फेरे में जन्मा
चश्माधारी एक अधेड़ आदमजात
जो इसके दस-बीस और चक्करों बाद
अकथ अनजान सफर में पाया जाएगा
लेकिन ऐसे ब्यौरों वाले तो करोड़ों हैं
सिर्फ इतनी सी शिनाख्त के दम पर
ताकत की दुनिया में कहां जाऊंगा?
तुम्हीं कहो कि टूटे-बिखरे बगैर
कभी तुमको या किसी को भी
कह पाऊंगा कि तू क्या है?
सिर्फ इतनी सी शिनाख्त के दम पर
ताकत की दुनिया में कहां जाऊंगा?
तुम्हीं कहो कि टूटे-बिखरे बगैर
कभी तुमको या किसी को भी
कह पाऊंगा कि तू क्या है?
2 comments:
Bohot acche maza aa gaya
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PKMKB
bohot khoob
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