कोयले से डरो राख से डरो
सड़क किनारे पड़े फटे जूते से डरो
अपने ठिकाने से हंकाले जाने के बाद
कहीं भी टिक पाने में नाकाम रहे
उजड़े-बिखरे सनकैल इंसान से डरो
सड़क किनारे पड़े फटे जूते से डरो
अपने ठिकाने से हंकाले जाने के बाद
कहीं भी टिक पाने में नाकाम रहे
उजड़े-बिखरे सनकैल इंसान से डरो
दहशत खाओ मैली दिखने के करीब
हल्के हरे रंग की साड़ी पहने औरत
और उसकी उंगली पकड़े चल रहे
दाढ़ी-मूंछ वाले मंदबुद्धि बालक से
कि ये चीजें बहुत धीरे-धीरे चलती हैं
हल्के हरे रंग की साड़ी पहने औरत
और उसकी उंगली पकड़े चल रहे
दाढ़ी-मूंछ वाले मंदबुद्धि बालक से
कि ये चीजें बहुत धीरे-धीरे चलती हैं
ताकत की चढ़ाई चढ़ते हुए शातिर लोग
जब अपनी गाड़ी का पांचवां गियर लगाते हैं
तो अपने पीछे धूल और तालियों के अलावा
ऐसी चीजों का अंबार भी छोड़ते जाते हैं
जब अपनी गाड़ी का पांचवां गियर लगाते हैं
तो अपने पीछे धूल और तालियों के अलावा
ऐसी चीजों का अंबार भी छोड़ते जाते हैं
और कई बार उन्हें पता भी नहीं होता
कि जो धीमा रुदन रात में आंख लगते ही
उनके सुसज्जित साउंडप्रूफ शयनकक्ष में
सुनाई पड़ता है, वह उनके ही
किसी ज्ञात-अज्ञात कर्म का नतीजा है
कि जो धीमा रुदन रात में आंख लगते ही
उनके सुसज्जित साउंडप्रूफ शयनकक्ष में
सुनाई पड़ता है, वह उनके ही
किसी ज्ञात-अज्ञात कर्म का नतीजा है
हे जननायक, सुख-दुख के दायक
दूर-दूर तक लगी मेटल डिटेक्टरों
और स्टेनगनों की बाड़ के बावजूद
यह इत्मीनान हो पाना नामुमकिन है
कि इन्हीं में से कोई चीज
किसी दिन जमीन से उछलकर
सीधे तुम्हारा गला नहीं पकड़ लेगी
दूर-दूर तक लगी मेटल डिटेक्टरों
और स्टेनगनों की बाड़ के बावजूद
यह इत्मीनान हो पाना नामुमकिन है
कि इन्हीं में से कोई चीज
किसी दिन जमीन से उछलकर
सीधे तुम्हारा गला नहीं पकड़ लेगी
इसे लेकर तुम ज्यादा हतक भी मत मानो
क्योंकि इंसान को उसके अतीत से बचा सके
ऐसा कोई कवच अबतक रचा नहीं जा सका है
क्योंकि इंसान को उसके अतीत से बचा सके
ऐसा कोई कवच अबतक रचा नहीं जा सका है
तुम्हारी हंसी पूरी दुनिया को लुभाती है
लेकिन बहुतों को उस घड़ी का इंतजार है
जब तुम्हारे ही बनाए हुए इतने सारे भूत
मौका ताड़कर तुम्हारे सामने आएंगे
और इस जगत-विजयिनी हंसी की
लंबी स-स्वर यात्रा तत्काल पलट कर
बाहर से भीतर की ओर हो जाएगी
लेकिन बहुतों को उस घड़ी का इंतजार है
जब तुम्हारे ही बनाए हुए इतने सारे भूत
मौका ताड़कर तुम्हारे सामने आएंगे
और इस जगत-विजयिनी हंसी की
लंबी स-स्वर यात्रा तत्काल पलट कर
बाहर से भीतर की ओर हो जाएगी
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