घना कुहासा कुछ और गहराया
लिपट गया बल्बों से छिटक गए सात रंग
आखिरी पतिंगों के टूट-टूट चले पंख
कुहासे के अथाह सागर की
अनजान तलहटी की ओर
लिपट गया बल्बों से छिटक गए सात रंग
आखिरी पतिंगों के टूट-टूट चले पंख
कुहासे के अथाह सागर की
अनजान तलहटी की ओर
सागर अथाह जहां छाया है
निपट सफेद अंधेरा
घना इतना कि मुश्किल तलाशना खुद को
ऐसे में ओ मेरे खयालों के दोस्त
आंखों में उचटी नींद लिए मैं
करता तलाश अपने खोए सपनों की
निपट सफेद अंधेरा
घना इतना कि मुश्किल तलाशना खुद को
ऐसे में ओ मेरे खयालों के दोस्त
आंखों में उचटी नींद लिए मैं
करता तलाश अपने खोए सपनों की
सपने भी बड़े नहीं बस छोटे-छोटे
सोन में तैरने, तैरते चले जाने के
छत से उतर कर उड़ते चले जाने के
कहीं भी जा बैठने, लेटने, बतियाने के
ग्लोब के हर टापू पर दो-दो दोस्त बनाने के
सोन में तैरने, तैरते चले जाने के
छत से उतर कर उड़ते चले जाने के
कहीं भी जा बैठने, लेटने, बतियाने के
ग्लोब के हर टापू पर दो-दो दोस्त बनाने के
गोइंठे पर सिंझकर घी से नरमाई हुई
अरहर की गाढ़ी दाल, भौरी-चोखा खाने के
सांप से बचाने वाले कुक्कुर ताजिया को
बचपन की यादों से बाहर निकालकर
गांव के भीटे पर मूरत में बिठाने के
अरहर की गाढ़ी दाल, भौरी-चोखा खाने के
सांप से बचाने वाले कुक्कुर ताजिया को
बचपन की यादों से बाहर निकालकर
गांव के भीटे पर मूरत में बिठाने के
आना कहां था मुझे इस घुन्नी राह
जहां दिखनौटे लोगों पर सजते हैं सपने
और फूटे ढोल जैसे बजते हैं सपने
और कैमरा-एक्शन पर कटने के बाद
घर-घर में बाघ-से गरजते हैं सपने
जहां दिखनौटे लोगों पर सजते हैं सपने
और फूटे ढोल जैसे बजते हैं सपने
और कैमरा-एक्शन पर कटने के बाद
घर-घर में बाघ-से गरजते हैं सपने
आधा भी रास्ता चल नहीं पाया
कि मिल गए कई सारे दोस्त अनचाहे
एक चिकने मिस्टर कोलेस्ट्रॉल
एक चिपचिपी मिस शुगरैनिया
एक भैंगे भाई डिप्रेशनैरियो ब्लैकियानो
कि मिल गए कई सारे दोस्त अनचाहे
एक चिकने मिस्टर कोलेस्ट्रॉल
एक चिपचिपी मिस शुगरैनिया
एक भैंगे भाई डिप्रेशनैरियो ब्लैकियानो
फिर नस में घुसा एक हाई-क्लास कैमरा
और दिल में धंसाए गए दो-दो छल्ले
पच्चीस सालों की यह अद्भुत कमाई लिए
दूर कहीं बैठे ओ ख्यालों के दोस्त
दुपहर के धुंधलके में भरमाया सा मैं
करता तलाश अपने खोए सपनों की
और दिल में धंसाए गए दो-दो छल्ले
पच्चीस सालों की यह अद्भुत कमाई लिए
दूर कहीं बैठे ओ ख्यालों के दोस्त
दुपहर के धुंधलके में भरमाया सा मैं
करता तलाश अपने खोए सपनों की
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