Monday, August 13, 2018

बरसात

देखने भर से जी नहीं भरता
सारी बूंदों पर एक साथ नजर रखूं
शायद कोई एक जरा पक्की दिख जाय
उसी को गप्प से पकड़ लूंगा
ऊपर चला जाऊंगा बरसात के मायके
कितनी तो मुझे उससे बातें करनी हैं
मेरा एक पुरखा सांप पकड़ कर
बीबी से मिलने एक बारजा चढ़ा था
मैं भी चढ़ जाऊंगा, बात शुरू होने दो

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