Thursday, September 4, 2008

नमस्कार-नमस्कार

िजस तरीके से मैं काम करता था, वह वापस नहीं आया है। िफर भी कभी-कभी कुछ टििपआया जरूर जा सकता है। नए-पुराने सभी को नमस्कार।

14 comments:

अजित वडनेरकर said...

चलिये कुछ तो आया । आप मेरा वाला अधूरा काम काहे नहीं कर देते ?

Arun Aditya said...

namaskaaar.

मुंहफट said...

वाया फर्जी वामपंथ
कहां चले गए गए थे चंद्रभूषण जी
अर्थात अमर उजाला कारोबार के
नोएडा संस्करण़
....नमस्कार
म-स्कार...
न-मस्कार
बुद्धि के
बटेश्वर चंद्रभूषण जी।
...तो लीजिए
बैठे-ठाले में भी हाजिर हैं
वाडनेरकर जी
और जी
अरुन आदित्य जी
उफ
आए भी
तो इस तरह आए
नेपाल और नैनो के बाद।
जय लेनिन
जय
मार्स्कवाद
धत्त!!!!!!

अजित वडनेरकर said...

वाडनेरकर नहीं , वडनेरकर मुंहफट जी। अखरने लायक तो नहीं ग़लती फिर भी दुरुस्त हो जाए तो बेहतर :)

Unknown said...

एक टाटक नमस्कार इधर से पक़ड़िए।

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

चंदू भाई जिस भी भूमिका में उतरें, उनसे सबको सार्थक उम्मीद ही होती है. स्वागत है. स्वागत है. स्वागत है.....उम्मीद है जल्द ही वह अपने पुराने form में लौट आयेंगे.

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

...ईश्वर भाई साहब बिहार के तीस लाख लोगों के पापों से घबराकर भाग गए वरना वे मुंहफट जी की अमुक जगह का उद्धार करते!

Udan Tashtari said...

आईये-पुनः स्वागत है.

Ashok Pande said...

रैड वाइन की वो वाली बोतल सूत डाली चन्दू भाई? अब दुबारा क्या जभी लिखोगे जब नई ला के दूंगा?

चलो बाबू जी, ये पैंतरा भी उठाएंगे आपका. ज़ालिम कहीं के!

दीपा पाठक said...

खुशआमदीद!

Gyanesh upadhyay said...

lijiye hum phir takra rahe hain, bahut dinon baad

Anonymous said...

बड़ी देर भई नंदलाला....अब तो दरश दिखाओ....

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

munhfatji ka munh lagata hai kamar ke neeche tak fata hua hai. badhai ho!

pallav said...

aapka emailid bheje plz. pallavkidak@gmail.com