Monday, April 9, 2007
पहली रात से पहले
कहने को बहुत सारी बातें हैं जो सिर्फ इसलिये नही की जाती कि कहने और सुनने वालों के बीच एक समूची सत्ता संरचना है। मेरी अपनी रूचि साहित्य,संस्कृति, दर्शन और विज्ञान मे है। खबर का आदमी हूँ इसलिये ख़बरों के बारे मे बात करना भी अच्छा लगता है , खासकर उन ख़बरों के बारे में, जिनके मायने दूर तक जाते हैं और जिन्हे छापने में लाला डर जाते हैं। हम एक उलझे हुए लेकिन मजेदार समाज मे जीं रहे हैं। इसका अहसास हमे कुछ साल बाद होगा कि समय कितनी तेजी से कितना कुछ बदलता हुआ गुजर गया। ब्लोग मे रहना हमारे लिए इस तूफ़ान की दिशा समझना आसान बना सकता है क्योकि इसमे भुलावे के ख़तरे कम हैं। तो फिर मिलते रहिए........ .
लेबल:
कुछ मुझ से ....
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
8 comments:
चंदू भाई, आप भी आ गए ब्लॉग पर। अच्छा लगा। चलिए मिलते रहेंगे। अगर वाकई आप वही चंद्रभूषण हैं, जिन्हें मैं इलाहाबाद से जानता हूं तो मजा आएगा आपका लिखा पढ़ने में।
चंद्रभूषण जी स्वागत है आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में। उम्मीद है निरंतर लेखन जारी रखेंगे। वैसे आपकी पहली पोस्ट कुछ जल्दबाजी में लिखी हुई लगती है, समझ नहीं आई।
नए चिट्ठाकारों के स्वागत पृष्ठ पर भी जाएं।
चन्दू भाई, आपका आना सुखद एह्सास है,अनिलजी जो कहना चाह रहे है,मै भी वही सोचरहा था आपके बारे मे.हमारी तरफ़ से पहलू के लिये शुभकमनाए स्वीकार करे...... विमल वर्मा
नया नय हू. शुभकामनाए गलत लिख गया
नक्सली कार्यकर्ता रहा पढ्कर खुशी हुइ
आपसे वामपंथी विचारो की आशा रहेगी
हिंदी चिठ्ठा जगत में आपका स्वागत
इतना सन्नाटा क्यो है भाई,कई बार आ चुका हू आपके दरवाज़े पर, पर पहलू मे कोई दिखता ही नही.कुछ तो बोले.
Sawal number 1.Khabar ka aadmi hoon.---yah bayan kya batana chahata hai.
Sawal number 2.Isme*(blog) mein bhulawe kam hain. ---yah aapse kisne kaha?
saima_rahman
Post a Comment