tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post6586720914692666899..comments2023-11-02T04:01:12.182-07:00Comments on पहलू: चकते-चकते चक ही दी हॉकीचंद्रभूषणhttp://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-8499942436034712592008-03-11T05:53:00.000-07:002008-03-11T05:53:00.000-07:00अच्छा लिखा है . आपसे सहमत हूं . बस 'उठाएं हॉकी' वा...अच्छा लिखा है . आपसे सहमत हूं . बस 'उठाएं हॉकी' वाली बात को छोड़कर . <BR/><BR/>अब तो इतनी भारी हो उठी है कि जिन्हें उठानी है उनसे ही नहीं उठ रही है हॉकी. <BR/><BR/>कुछ करिए .... पर क्या ?Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-60631576879872187752008-03-10T17:12:00.000-07:002008-03-10T17:12:00.000-07:00इस विषय पर लिखने के लिए धन्यवाद।इस विषय पर लिखने के लिए धन्यवाद।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-12150963743137841082008-03-10T09:52:00.000-07:002008-03-10T09:52:00.000-07:00अभी आप प्रमोद भाई पर हाकी नहीं उठा सकते....हम सभी ...अभी आप प्रमोद भाई पर हाकी नहीं उठा सकते....हम सभी बंबइया लोग उनके साथ हैं...बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-69238936147874921492008-03-10T03:03:00.000-07:002008-03-10T03:03:00.000-07:00GURU AISE HI LAGE RAHIYE.....BHOR TO HOBE KAREGA.....GURU AISE HI LAGE RAHIYE.....<BR/>BHOR TO HOBE KAREGA....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-42921786001123363842008-03-10T02:46:00.000-07:002008-03-10T02:46:00.000-07:00चन्दू जी,आपकी चिन्ता जायज है,पर ये भी क्यौ नहीं सो...चन्दू जी,आपकी चिन्ता जायज है,पर ये भी क्यौ नहीं सोच रहे कि पिछले एक दो महीने पहले तक भारतीय टिम का मनोबल काफ़ी मजबूत था,पर क्रिकेट में नोटों की बरसात देखकर हॉकी के खिलाड़ियों को शायद यही लगा होगा कि चक दे इंडीया का गाना "कुछ करिये....कुछ करिये " ही हम करते रहेंगे पर कुछ हो ना पायेगा...और मैच में जान लड़ाना छोड़ दिया,पर इन गिलों और कलमाड़ियों, खेल मंत्रालय..या सरकार से अब भी उम्मीद किया जा सकता है?आपने जो मुद्दे उठाए हैं वो बिलकुल सटीक हैं...मेरी सहानुभूति भारतीय हॉकी के खिलाड़ियों के साथ है।VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-51682059363410535902008-03-10T02:42:00.000-07:002008-03-10T02:42:00.000-07:00ढेर अल-बल सूझ रहा है? उठाएं हॉकी?ढेर अल-बल सूझ रहा है? उठाएं हॉकी?चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-45720759444739647012008-03-10T02:37:00.000-07:002008-03-10T02:37:00.000-07:00क्यों मन खराब कर रहे हो, भैया? तुम्हारा बेटा कैस...क्यों मन खराब कर रहे हो, भैया? तुम्हारा बेटा कैसा अनोखा क्रिकेटबाज है और उसकी क्रिकेटई देखकर कैसे बालकनी में खड़े-खड़े तुम्हारी आंख से लोर बहने लगता है, इसपर भावुक होके एक पोस्ट ठेल नहीं सकते थे?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.com