tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post1593842477768895083..comments2023-11-02T04:01:12.182-07:00Comments on पहलू: लेखक का समर्पण उर्फ कस्मै देवाय हविषा विधेमचंद्रभूषणhttp://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-34164074428592693332008-12-17T10:22:00.000-08:002008-12-17T10:22:00.000-08:00भाई आपका आलेख ही किसी कविता से कम नहीं है। सच है ज...भाई आपका आलेख ही किसी कविता से कम नहीं है। सच है जो कुछ छूटता जाता उसके प्रति ललक बढती जाती है।एस. बी. सिंहhttps://www.blogger.com/profile/09126898288010277632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-67489194644375445242008-12-17T03:25:00.000-08:002008-12-17T03:25:00.000-08:00आपके ब्लाग पर टहलते हुये आ गया हूँ आपकी प्रतिक्रिय...आपके ब्लाग पर टहलते हुये आ गया हूँ आपकी प्रतिक्रियाऐ अच्छी लगीं-राजेशअवि का ब्लाग (राजेश शुक्ला )https://www.blogger.com/profile/15149099441590058525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-36981070870907908932008-12-16T23:35:00.000-08:002008-12-16T23:35:00.000-08:00पत्नी और प्रेयसी की चर्चा बहुत पहले से प्रतिष्ठित ...पत्नी और प्रेयसी की चर्चा बहुत पहले से प्रतिष्ठित लेखकों - कवियों के बीच चल चुकी है. जरूरी नहीं कि कवि की प्रेरणा कोई हाड़-मांस की युवती ही हो.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-6325802603421252992008-12-16T23:03:00.000-08:002008-12-16T23:03:00.000-08:00एक अच्छी कविता पढ़कर पाठक उसके मायने अपने अनुभव और...एक अच्छी कविता पढ़कर पाठक उसके मायने अपने अनुभव और पीडा से निकालता है। उसमे कवि का व्यक्तिगत जीवन क्या रहा? क्यों रहा? बहुत मायने नही रखता। ये कविता का जादू है की पढने वाला प्रमुख और कहने वाला गोड़ हो जाता है।स्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-75403303206093630272008-12-16T10:34:00.000-08:002008-12-16T10:34:00.000-08:00लेखक को चाहिए कि चांद मोहम्मद से थोड़ी हिम्मत उधार...लेखक को चाहिए कि चांद मोहम्मद से थोड़ी हिम्मत उधार ले ले। चाहे तो चांद और फिजा को कविता संग्रह समर्पित भी कर सकता हैब्रजेशhttps://www.blogger.com/profile/03571247789113260736noreply@blogger.com