tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post901124722871313995..comments2023-11-02T04:01:12.182-07:00Comments on पहलू: मजबूरी का महिमामंडनचंद्रभूषणhttp://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-33212200617936438122009-04-17T11:40:00.000-07:002009-04-17T11:40:00.000-07:00छा गए अंधेरे में। हां छा ही गए। अजी वा बस ऐसे ही छ...छा गए अंधेरे में। हां छा ही गए। अजी वा बस ऐसे ही छाए रहो।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04419500673114415417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-30160867790600772072009-04-17T04:29:00.000-07:002009-04-17T04:29:00.000-07:00आपकी बात वाजिब, आपके कंसर्न गहरे.
मगर जब सवाल सिर...आपकी बात वाजिब, आपके कंसर्न गहरे. <br />मगर जब सवाल सिर्फ किसी के दलित होने की वजह से उठाये जाते हों. ...और वो भी छलनी के साथ सूप उठाते हों?Ek ziddi dhunhttps://www.blogger.com/profile/05414056006358482570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-51844579774186580082009-04-16T18:13:00.000-07:002009-04-16T18:13:00.000-07:00पानी तो ऊपर से नीचे ही बहता है। ऊपर उठने के लिए उब...पानी तो ऊपर से नीचे ही बहता है। ऊपर उठने के लिए उबलना और भाप बनना जरूरी है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-31927180351866352042009-04-16T14:36:00.000-07:002009-04-16T14:36:00.000-07:00बात सही है...बात सही है...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-67098135969514244772009-04-16T13:41:00.000-07:002009-04-16T13:41:00.000-07:00राजनैतिक लाभ के लिये अपराधियों को संरक्षण देना एक ...राजनैतिक लाभ के लिये अपराधियों को संरक्षण देना एक जुर्म है, फिर चाहे वह ब्राह्मण करे या शूद्र। सभी पाप के भागी बनेंगे, और ईश्वर न्याय जरूर करता है।Anil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/06680189239008360541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-17923830367353391882009-04-16T11:23:00.000-07:002009-04-16T11:23:00.000-07:00ओह, जिम्बाव्ब्वे वाली राह, कितनी तो सुहानी राह?ओह, जिम्बाव्ब्वे वाली राह, कितनी तो सुहानी राह?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-8703992600301186102009-04-16T10:11:00.000-07:002009-04-16T10:11:00.000-07:00बेलाग.. बेलौस.. कांटे की बात!बेलाग.. बेलौस.. कांटे की बात!अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-10998261535568726192009-04-16T07:27:00.000-07:002009-04-16T07:27:00.000-07:00हम भी जिम्बाब्वे वाली दिशा में ही आगे बढ़ रहे हैं. ...हम भी जिम्बाब्वे वाली दिशा में ही आगे बढ़ रहे हैं. वैसे भी 60 सालों से एक परिवार को ढो रहे देश में अगर कोई कहता है कि लोकतंत्र है, तो उसकी बु्द्धि पर तरस ही आती है.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.com