tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post6442660709274387229..comments2023-11-02T04:01:12.182-07:00Comments on पहलू: वीराने में वसंतचंद्रभूषणhttp://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-42551117846263650932008-03-03T04:04:00.000-08:002008-03-03T04:04:00.000-08:00शुक्रिया, उदय भाई!शुक्रिया, उदय भाई!चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-43853869496311605402008-03-03T02:24:00.000-08:002008-03-03T02:24:00.000-08:00बहुत अच्छा वर्णन. अपने साथ साथ ले चलने वाला. भांग ...बहुत अच्छा वर्णन. अपने साथ साथ ले चलने वाला. भांग को विजया और सोम का संयोग माना गया था. अच्छी रचना भी वनस्पति की गंध और हरेपन के साथ चंद्रमा के उजास और शीतलता को किसी नशे मे बदलती है. भांग या विजया या चांदनी जैसी हेल्युसिनेटिंग मादकता. बधाई.Uday Prakashhttps://www.blogger.com/profile/07587503029581457151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-80764917353544551312008-02-27T00:35:00.000-08:002008-02-27T00:35:00.000-08:00मित्रों, भांग जीवन में कुल दस-बारह बार पी है, जिनम...मित्रों, भांग जीवन में कुल दस-बारह बार पी है, जिनमें दो-तीन अनुभव अच्छे हैं, जैसे एक तो यही। बाकी के किस्से खराब और बहुत खराब के बीच के हैं। यह संस्कार के साथ बनाया जाने वाला और शाइस्तगी के साथ पिया जाने वाला नशा है। किसी तरह का तनाव अगर सिर पर सवार है तो इससे परहेज ही करना चाहिए। और हां, इससे जूझने की, कुश्ती लड़ने की कोशिश हरगिज नहीं करनी चाहिए, वरना यह ऐसा पटकता है कि लगता है, इसी ठौर मौत हो जाएगी। अनीता कुमार जी, आपकी शानदार पोस्ट का कायल हूं। मेरा ई-मेल ऐड्रेस यह है- patrakarcb@yahoo.co.inचंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-85712958884899550182008-02-26T23:43:00.000-08:002008-02-26T23:43:00.000-08:00चंद्र्भूषण जी विराने में वंसत पढ़ कर हमें भी लगा जै...चंद्र्भूषण जी विराने में वंसत पढ़ कर हमें भी लगा जैसे कोई उपन्यास पढ़ रहे हों जो अचानक खत्म हो गया। आप मेरे ब्लोग पर आये मुझे अच्छा लगा, धन्यवाद करने आई थी, ई-मेल पता कहीं दिखाई नहीं दिया इस लिए यहीं धन्यवाद कह रही हूँ पर इस बहाने आप की दूसरी पोस्ट भी पढ़ डालीं और इस तरह आप से मुलाकात का आंनद उठाया। आते रहिएगा और अगर हो सके तो ई-मेल पता दिजिए।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-35119693255417908512008-02-26T12:43:00.000-08:002008-02-26T12:43:00.000-08:00मतलब? - [साफ हुआ समान पुनर्व्यवस्थित किया जा रहा ह...मतलब? - [साफ हुआ समान पुनर्व्यवस्थित किया जा रहा है ?] - चलिए बढ़िया - बम भोलेAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-21961096460606201192008-02-26T12:03:00.000-08:002008-02-26T12:03:00.000-08:00लो मै अभी इंतोक्षिकतिओन के बारे मे, इसके इतिहास और...लो मै अभी इंतोक्षिकतिओन के बारे मे, इसके इतिहास और सोमा के बारे सोच रही थी. आप भांग भी पी आयेस्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-70078517178761122032008-02-26T09:26:00.000-08:002008-02-26T09:26:00.000-08:00अनिल ठीक कह रहे हैं। ऐसा ही प्रतीत होता है। बहुत अ...अनिल ठीक कह रहे हैं। ऐसा ही प्रतीत होता है। बहुत अच्छा है।मनीषा पांडेhttps://www.blogger.com/profile/01771275949371202944noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-52360552918538060232008-02-26T06:42:00.000-08:002008-02-26T06:42:00.000-08:00पढ़कर लगा जैसे किसी बड़े उपन्यास का हिस्सा है, एक ...पढ़कर लगा जैसे किसी बड़े उपन्यास का हिस्सा है, एक पन्ना है।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.com