tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post2538749643581283145..comments2023-11-02T04:01:12.182-07:00Comments on पहलू: एक सचमुच का प्रेमपत्रचंद्रभूषणhttp://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-61650667040933460792007-09-19T08:32:00.000-07:002007-09-19T08:32:00.000-07:00सही है खत हाथ लग गया आपके तो हमने भी पढ़ ही लिया. :...सही है खत हाथ लग गया आपके तो हमने भी पढ़ ही लिया. :)<BR/><BR/>वरना तो ऐसे खत पढ़े जमाना गुजरा.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-27888214331416381312007-09-18T11:17:00.000-07:002007-09-18T11:17:00.000-07:00चंदू जी ! ईमानदारी से सच-सच बताइए. किसी गीता-रीता-...चंदू जी ! ईमानदारी से सच-सच बताइए. किसी गीता-रीता-मीता की क़सम खाए बग़ैर - कि आख़िर मामला क्या है?इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-78790331941529022432007-09-18T08:28:00.000-07:002007-09-18T08:28:00.000-07:00प्यार की सच्ची भावना है...मैं जैसी हूं/जैसा हूं बि...प्यार की सच्ची भावना है...मैं जैसी हूं/जैसा हूं बिना शर्त उसे स्वीकार करना ही प्यार होता है। प्यार शर्तों में नहीं बंधा होता। कम से कम लड़की की यही सोच रहती है। बाकी पुरुष तो अक्सर खिलंदड़ होते हैं।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.com