tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post2506967973544854119..comments2023-11-02T04:01:12.182-07:00Comments on पहलू: दो दिन में कोई टीवी सिखा देचंद्रभूषणhttp://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-61442817279858629212007-09-03T00:18:00.000-07:002007-09-03T00:18:00.000-07:00आप सब जानते हैं.. इसमें सीखने जैसी कोई बात नही है....आप सब जानते हैं.. इसमें सीखने जैसी कोई बात नही है. बस जबड़े का काम बढ़ जाएगा अगर आप टी वी पर आना चाहते है... अरे गल्चऊर जो करना होगा. नही तो डेस्क पर बैठने का उपाय कीजियेगा...VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-41293096887186427692007-09-01T19:16:00.000-07:002007-09-01T19:16:00.000-07:00हमारी शुभकामनायें!हमारी शुभकामनायें!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-62635079260859027582007-09-01T04:55:00.000-07:002007-09-01T04:55:00.000-07:00यह टिप्पणी इसलिए कि आप धर्मपाल के लिखे पर अपनी टिप...यह टिप्पणी इसलिए कि आप धर्मपाल के लिखे पर अपनी टिप्पणी को विस्तार देते हुए एक पोस्ट लिखें. आशा है आप दूसरे पहलू पर जरूर कुछ लिखेंगे.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-72939111845343944512007-08-31T15:52:00.000-07:002007-08-31T15:52:00.000-07:00मैं गुर बताऊं? लेकिन रहने दो नहीं बताता हूं.. बोलो...मैं गुर बताऊं? लेकिन रहने दो नहीं बताता हूं.. बोलोगे सिखा नहीं, फंसा रहा हूं!azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-24237700413565051742007-08-31T09:35:00.000-07:002007-08-31T09:35:00.000-07:00चंदु भाईमुझे टीवी पत्रकारिता मे काम का तो अनुभव नह...चंदु भाई<BR/><BR/>मुझे टीवी पत्रकारिता मे काम का तो अनुभव नहीं है मगर देखकर भी बहुत चीज आदमी सीख ही जाता है.<BR/><BR/>साहित्य में एक शब्द है: <B>'अनर्गल प्रलाप'</B> -इसका विस्तार से रियाज करें. मैने तो यही होते देखा है टीवी पर. विश्वास जानिये, काम बना ही समझियेगा तब. :) <BR/><BR/>अनिल भाई ने जिस 'भौकाल' शब्द का प्रयोग किया है वो भी शायद इसी घोर साहित्यिक शब्द का उत्तरप्रदेशीकरण हो, तो कोई खास आश्चर्य नहीं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5004531893346374759.post-11104844742591149662007-08-31T07:00:00.000-07:002007-08-31T07:00:00.000-07:00एक पुराने मित्र ने बताया था कि टीवी न्यूज भौकाल का...एक पुराने मित्र ने बताया था कि टीवी न्यूज भौकाल का माध्यम है। जितना भौकाल खड़ा कर सकते हैं, कर दीजिए। यहां काम कम और काम करते हुए ज्यादा दिखाया जाता है। ये गुर सीख लीजिए। बस्स, और कुछ सीखने की जरूरत नहीं है।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.com