तेल पूरे नौ मन न हो पाने के चलते राधा पिछले कई महीनों से नाच ही नहीं पा रही है। लेकिन अब वह नाचेगी, जरूर नाचेगी, तेल साले की तो ऐसी की तैसी। अगले सोमवार से चीन और तिब्बत की यात्रा पर यहीं थोड़ा-थोड़ा लिखना शुरू करूंगा। अखबार में इस संबंध में मुझे जो कुछ लिखना था, वह लिख चुका। इस दायरे में अब सिर्फ मैं हूं, मेरे दोस्त हैं और मेरा ब्लॉग पहलू, जहां मैं जब चाहूं, जो चाहूं, लिख सकता हूं। सो, वेट एंड वॉच!
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