कहां तू सो रहा लल्लू, हमेशा से रहा ढल्लू
सदा ईमान ही घोंटा, कभी देखा नहीं सोंटा
जरा टीवी लगा प्यारे, इधर के रंग हैं न्यारे
यही वो फैक्टरी, जो धूल से रस्सी बनाती है
जो पावरदार हो लुच्चा, महामानव बताती है
नहीं देखा अभी घोड़ा, जो पिछले साल था छोड़ा?
तेरा पीएम बड़ा श्याणा, सुनाए सेंध में गाणा
विवेकानंद का चाचा, ये जाकर चीन में नाचा
ये बुद्धीमान है बेटा, अकल की खान है बेटा
ये मोरल्टी सिखाता है औ हिस्ट्री भी पढ़ाता है
ये है गुजरात का वासी, बुलाती है इसे कासी
जगाए जोग तो जोगी, लगाए भोग तो भोगी
ये है घड़ियाल का रक्षक औ शाकाहार का भक्षक
ये हर इक चीज में अव्वल, सभी ही मुश्किलों का हल
ये सीडी भी है बनवाता, रंगे हाथों पकड़वाता
कहां था कौन कब सोया, प्रचारक संघ का रोया
मगर है खुद बड़ा टाइट, बड़ा साहब बड़ी बाइट
वो जासूसी के चक्कर में जरा सा झोल था खाया
रही बस डोलती छाया पकड़ में कुछ नहीं आया
इसे हल्के में लेके फंस गया केशू वो बेचारा
जो आया सामने हारा, हरिन पंड्या गया मारा
ये आधी बांह का कुर्ता, बना देगा तुम्हें भुर्ता
लिहाजा पास तो आओ, प्रगति के गीत कुछ गाओ
दुखी हैं जो चले आएं, जो दुख दें वो भी सुख पाएं
कि एक दिन आयगा, जब देश आगे जा रहा होगा
वो टीवी को अंगोछे में पकड़ घिसरा रहा होगा
औ न्यूटन का नियम संछेप में समझा रहा होगा
वहीं कोने में तोगड़िया मधुर धुन गा रहा होगा
हजारों लोग ऊपर से दुआएं दे रहे होंगे
जो नीचे रह गए, तबियत से अंडे से रहे होंगे
5 comments:
विकास का पापा,
एक साल में ही,
दुनिया को नापा,
रामदेव से जोड़ी मिलाई,
फिक्र ना करो भाई,
बनेगी विकासजीवक दवाई...
जय हिंद...
Kya baat hai guru. 1 saal main pahali baar kuchh padakar dil thanda hua.
Very nice.....jai hind
Very nice.....jai hind
Khoooob!
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